एन. रघुरामन का कॉलम:हर पीढ़ी में संघर्षशील लोग हैं, बस कहानियां हमसे अलग हैं

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

हममें से कितने लोग घर खरीदने से पहले कार लेते हैं, वो भी इस्तेमाल से बाहर कर दी गई एक एंबुलेंस? आधुनिक दौर में संघर्ष की यह एक कहानी है। 30 साल के कैमरन गॉर्डन लॉस एंजेलिस (एलए) के हॉलीवुड शहर में अपनी जिंदगी बसाना चाहते थे।

कैमरन ने 2018 में किराए का घर लेने के बजाय अपनी जिंदगी की शुुरुआत सस्ती एंबुलेंस खरीदने से की, क्योंकि इसकी बॉडी मोटी होती है और मौसम झेलने में काबिल होती हैं। जब एक फिल्म निर्देशक ने फिल्म शूट करने के लिए उससे एंबुलेंस किराए पर मांगी, तब उसे फिल्मी दुनिया में दाखिल होने का एक नया रास्ता नजर आया। उसने बैंक द्वारा होने वाली नीलामी से तीन एंबुलेंस खरीदीं, जिन्हें थोड़ी मरम्मत की जरूरत थी।

कैमरन के बिजनेस मॉडल ने जल्दी ही आकार ले लिया। वह रात में एंबुलेंस में सोता और दिन में फिल्म व टीवी शो को शूट के लिए किराए पर देता। उसने वेबसाइट भी बनवाई ambualncefilmrentals.com और जल्दी ही एसईओ में माहिर हो गया।

अगर आप गूगल पर लिखें कि एलए में किराए पर एंबुलेंस चाहिए तो कैमरन की वेबसाइट सबसे ऊपर दिखेगी। उसकी एंबुलेंस कई फिल्मों, यहां तक कि अच्छे-खासे बजट वाली फिल्मों जैसे रियान गोसलिंग की “द ग्रे मैन’ और क्रिस पाइन की “डूला’ जैसी फिल्में हैं। आज वह एक एंबुलेंस का प्रतिदिन एक हजार डॉलर से ज्यादा किराया लेते हैं और अगर किसी प्रोजेक्ट में एंबुलेंस ड्राइवर की जरूरत होती है तो खुद को एक्टर की तरह भी पेश करते हैं।

उस कमाई के साथ उसने जमीन का एक टुकड़ा खरीदा। लेकिन तभी एलए में एक्टर्स और राइटर्स की हड़ताल हो गई और यह चार महीने तक चली, जिससे कमाई रुक गई। और तब उसने अपनी 18 हजार वर्गफुट जमीन पर काम करना शुरू कियाा। उसे नहीं पता था कि एलए का नियम उसे कृषि भूमि पर निवास करने की इजाजत नहीं देता। उसने दिन में खेती जारी रखी और रात को एंबुलेंस पार्किंग में खड़ी करके उसमें रुकता।

क्या आपको लगता है कि घर खरीदने के बजाय गाड़ी में जिंदगी बिताने वालों मे सिर्फ कैमरन ही है? नहीं। स्थानीय आंकड़ों के मुताबिक अकेले 2023 में ऐसी 3,918 कार, 3,364 वैन, 6,814 रीक्रिएशनल वैन थी। (जैसी स्वदेश फिल्म में शाहरुख खान के पास थी)।

महंगे आवासों के कारण कई नौजवान 14,096 वाहनों में जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। वो इसलिए क्योंकि अमेरिका में कारें बहुत सस्ती हैं। इन लोगों के लिए अपार्टमेंट का मतलब कार या एंबुलेंस है, जिसमें वे समा सकें। यह जिंदगी सबके लिए नहीं है, लेकिन कैमरन के लिए ये जिंदगी अच्छी थी क्योंकि वह मिलनसार और सहज है।

जैसे ही इंडस्ट्री में हालात सामान्य हुए, कैमरन के पास फिर पैसा आने लगा। चूंकि उसे किराया नहीं देना था, तो उसने स्टॉक्स-क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश किया। जब बाजार चढ़ा, तो उसके पास पर्याप्त पैसा था कि आवासीय परमिट के साथ पास में 65,000 डॉलर में खाली जमीन ले सके। वहां उसने सेब, अंगूर और सब्जियों की खेती शुरू की और कभी खाली पड़ी जमीन हरी-भरी हो गई।

कानूनी रूप से वो वहां दिन में काम कर सकता है, लेकिन आज भी पूरे समय नहीं रह सकता, क्योंकि उसने वहां कुछ भी निर्माण नहीं किया है। हां एक अस्थायी शेड और बिजली के लिए सोलर पैनल लगाए हैं और काम में नहीं आने वाली एंबुलेंस में वॉशरूम बनाया है। आज कैमरन व उसकी गर्लफ्रेंड ये प्रॉपर्टी संभालते हैं और एंबुलेंस किराए पर देते हैं। उन्हें पता है, वे जल्द ही अपने प्लॉट पर घर बना लेंगे।

फंडा यह है कि हर पीढ़ी मुसीबतों से बाहर आने के लिए संघर्ष करती है। फर्क सिर्फ इतना है कि हरेक की कहानियां अनसुनी हैं और पहले की पीढ़ियों द्वारा अनुभव नहीं की गई हैं।

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