6 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर
- कॉपी लिंक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदाता, चुनाव और मतदान के प्रतिशत की नब्ज को भली- भाँति समझते हैं। प्रचार की शुरुआत में कांग्रेस इलेक्टोरल बॉण्ड का मुद्दा लाई थी। एक इंटरव्यू के ज़रिए प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को काफ़ी हद तक फीका कर दिया। यह कहकर कि जिन लोगों के यहाँ भी ईडी या सीबीआई के छापे पड़े और इसके बाद इन्होंने जो इलेक्टोरल बॉण्ड ख़रीदे उसमें से केवल 36 प्रतिशत धन भाजपा के पास आया। बाक़ी विपक्षी पार्टियों के पास गया।
प्रचार की शुरुआत में कांग्रेस इलेक्टोरल बॉण्ड का मुद्दा लाई थी। एक इंटरव्यू के ज़रिए प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को काफ़ी हद तक फीका कर दिया।
फिर एक भाजपा नेता ने बयान दे दिया कि हम चार सौ पार हुए तो संविधान बदल देंगे। वे क्या कहना चाहते थे, और क्या कह गए ये तो वे ही जानें लेकिन कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया। बाद में कई भाजपा नेताओं ने बयान देकर इस मुद्दे को भी हल्का करने की कोशिश की। सफ़ाई यह दी गई कि संविधान बदलना कोई हल्वा तो है नहीं। फिर क्यों बदलेंगे संविधान को?
हाँ, समय के हिसाब से जो संशोधन होने चाहिए वे तो होंगे। पहले भी होते रहे हैं। अब इसे संविधान बदलना तो नहीं कहा जा सकता! फिर 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ। जो काफ़ी कम रहा। भाजपा, कांग्रेस और बाक़ी सभी पार्टियों की उम्मीदों के विपरीत। सभी के माथों पर चिंता की लकीर खिंच गई।
महिलाओं का मतदान बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी फिर घर, संपत्ति और ख़ासकर, मंगलसूत्र वाला मुद्दा ले आए। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र का एक बिंदु उठाया जिसमें लिखा था कि कांग्रेस सरकार आई तो लोगों की संपत्ति का सर्वे किया जाएगा। हालाँकि यह कोई बड़ी बात नहीं है। इनकम टैक्स चुकाने वाले लोगों की संपत्ति तो सरकार के रिकॉर्ड पर होती ही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा संपत्ति के सर्वे से कांग्रेस का मतलब ये है कि वो आपके दो घर में से एक घर छीन सकती है।
लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा संपत्ति के सर्वे से कांग्रेस का मतलब ये है कि वो आपके दो घर में से एक घर छीन सकती है। यहाँ तक कि सोना अधिक हुआ तो महिलाओं का मंगलसूत्र लेने से भी कांग्रेस नहीं चूकेगी। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की तरफ़ से इस बात का कोई ठोस प्रतिकार नहीं किया जा रहा है। तर्कपूर्ण जवाब के बिना यह मुद्दा थमने वाला नहीं है। हो सकता है इस मुद्दे के कारण ही 26 अप्रैल को मतदान के दूसरे चरण में वोटिंग परसेंटेज बढ़ जाए।
फिर हिन्दू - मुस्लिम वाली बात भी अब प्रचार भाषणों में आ धमकी है। भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस गरीब- आदिवासियों का आरक्षण बंद करके सिर्फ़ मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है। भाजपा सरकार के रहते हुए मौजूदा आरक्षण कभी ख़त्म नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने तो यह भी कहा कि 2004 में कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में एससी-एसटी के आरक्षण में कमी करके मुसलमानों को आरक्षण देने की कोशिश की थी। कांग्रेस का यह पायलट प्रोजेक्ट था। इसे बाद में कांग्रेस पूरे देश में लागू करने वाली थी। लेकिन मंसूबे कामयाब नहीं हुए।
लोकसभा चुनाव 2024 की ताजा खबरें, रैली, बयान, मुद्दे, इंटरव्यू और डीटेल एनालिसिस के लिए दैनिक भास्कर ऐप डाउनलोड करें। 543 सीटों की डीटेल, प्रत्याशी, वोटिंग और ताजा जानकारी एक क्लिक पर।