संजय कुमार का कॉलम:आज मतदान में बहुत कुछ दांव पर लगा है

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संजय कुमार, प्रोफेसर व राजनीतिक टिप्पणीकार - Dainik Bhaskar

संजय कुमार, प्रोफेसर व राजनीतिक टिप्पणीकार

आज 11 राज्यों में तीसरे चरण के मतदान में 94 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इसमें बैतूल सीट भी शामिल है, जहां बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार की मृत्यु के कारण मतदान को दूसरे से तीसरे चरण में स्थानांतरित कर दिया गया है।

यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन-क्षेत्र में मतदान- जो तीसरे चरण में होना था- उसे भी छठे चरण में स्थानांतरित कर दिया गया है। अब वहां 25 मई को मतदान होगा।

आज जिन निर्वाचन-क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, वहां 2019 के चुनावों में भाजपा बहुत मजबूत थी। तब वह इन 94 सीटों में से 73 पर लगभग 48% के भारी वोट-शेयर के साथ जीती थी, जो उसके औसत वोट शेयर 37% की तुलना में लगभग 11% अधिक है।

भाजपा के सहयोगी दल भी उन आठ सीटों का बचाव करेंगे, जो उन्होंने 2019 में जीती थीं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इन 94 में से केवल 3 और उसके सहयोगियों ने 4 सीटें जीती थीं। दिलचस्प यह है कि इन सीटों पर कांग्रेस का वोट-शेयर लगभग 25% था, जो 2019 में उसके औसत वोट-शेयर 19% की तुलना में लगभग छह प्रतिशत अधिक है।

इस चरण में गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से 25 पर मतदान हो रहा है, क्योंकि सूरत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल को पहले ही निर्विरोध विजेता घोषित किया जा चुका है। पिछले चुनाव में गुजरात में भाजपा के पास 62% का भारी वोट-शेयर था, जबकि कांग्रेस को 32% वोट मिले थे है।

आज कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है, जिनमें से सभी पर 52% लोकप्रिय वोटों के साथ भाजपा ने 2019 में कब्जा कर लिया था, जबकि कांग्रेस को वहां भी 32 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा के गढ़ में मतदान हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के सामने इन निर्वाचन-क्षेत्रों को बचाने की चुनौती होगी।

यह भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण चरण है, क्योंकि उसे अपनी मौजूदा 73 सीटों का बचाव करना है। गुजरात में तो उसे सूरत को छोड़ सभी 25 सीटों का बचाव करना है। इनमें गांधीनगर एक प्रमुख निर्वाचन-क्षेत्र है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनाव लड़ते हैं।

अतीत में यह भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी की भी सीट रह चुकी है। भरूच के आदिवासी निर्वाचन-क्षेत्र पर भी नजर है, क्योंकि इस सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की संयुक्त ताकत देखने को मिलेगी।

कर्नाटक की 14 सीटों में से जिस एक प्रमुख निर्वाचन-क्षेत्र के लिए आज मतदान होगा- वह है हावेरी। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं। बीएस येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र शिमोगा निर्वाचन-क्षेत्र से मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी अपनी मौजूदा सीट धारवाड़ से फिर चुनाव लड़ रहे हैं।

महाराष्ट्र में जिन 11 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से इंडिया गठबंधन को 6 सीटों का बचाव करना होगा। एनडीए को 5 सीटों का बचाव करना है। बारामती सीट पर एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले और एनसीपी की सुनेत्रा पवार के बीच प्रतिद्वंद्विता होगी। सुनेत्रा अजित पवार की पत्नी हैं।

रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर शिवसेना (यूबीटी) के निवर्तमान सांसद विनायक राउत और भाजपा के केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बीच खींचतान देखने को मिलेगी। मध्य प्रदेश में भाजपा को सभी 9 सीटों का बचाव करना होगा।

इनमें से विदिशा सीट काफी अहम है, क्योंकि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 1980 के दशक में विदिशा से सांसद रहे कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं, जो 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

उनके सामने कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह हैं, जो 2023 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। राजगढ़ से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मौजूदा सांसद भाजपा के रोडमल नागर के खिलाफ मैदान में उतारा है।

यूपी में आज जिन 10 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से सपा को अपनी दो सीटों- मैनपुरी और संभल- का बचाव करना है। भाजपा को 8 सीटों का बचाव करना है। यूपी में इस चरण में जाट बेल्ट से यादव-मुस्लिम समीकरण और अन्य ओबीसी बेल्ट में शिफ्ट देखा जा रहा है।

मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव भाजपा के जयवीर सिंह और बसपा के शिव प्रसाद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। पश्चिम बंगाल की चार सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को जंगीपुर और मुर्शिदाबाद से अपनी दो सीटों का बचाव करना है, जबकि भाजपा को मालदा उत्तर में अपनी सीट का बचाव करना है।

कांग्रेस बंगाल में अपने गढ़ मालदा दक्षिण लोकसभा सीट का बचाव करेगी। मुर्शिदाबाद सीट पर रायगंज से दो बार के सांसद और सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम हैं, जबकि दक्षिण मालदा से ईशा खान चौधरी के पिता अबू हसन खान चौधरी मैदान में हैं।

इन चुनावों में प्रचार के दौरान जमीनी मुद्दे बेमानी लग रहे हैं, लेकिन दूसरे चरण के खत्म होते-होते भाजपा के चुनावी अभियान में एक स्पष्ट बदलाव देखा गया है। अब वे सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय का जिक्र कर रहे हैं और मुसलमानों को धन हस्तांतरित करने की कांग्रेस की साजिश का हवाला दे रहे हैं। जबकि विपक्ष के लिए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में तस्वीर साफ करने के लिए प्रधानमंत्री से आमने-सामने बैठकर बात करने की मांग कर रहे हैं।

भाजपा के गढ़ में आज होने जा रही है वोटिंग
आज जिन सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां 2019 के चुनावों में भाजपा बहुत मजबूत थी। तब वह इन 94 सीटों में से 73 पर 48% के वोट-शेयर के साथ जीती थी, जो उसके औसत वोट शेयर 37% की तुलना में 11% अधिक है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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