एन. रघुरामन का कॉलम:क्या आप जानते हैं ड्राइंग सबसे महत्वपूर्ण भाषा है?

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

कल्पना करें कि आपके बच्चे को स्कूल (दसवीं कक्षा तक) में एक पायदान पर पहुंचकर ये मालूम चल जाता है कि अंग्रेजी वर्णमाला के हर अक्षर की अपनी लंबाई-चौड़ाई होती है। इंजीनियरिंग की भाषा में इसका 6 अनुपात 5 (6:5) फिक्स है, सिवाय चार अक्षर AKMW को छोड़कर। इनकी लंबाई-चौड़ाई 6:6 है।

इसी तरह, इंजीनियरिंग भाषा में यह सिखाया जाता है कि अक्षर BEFH की सेंटर लाइन उस शब्द के एकदम बीच में न होकर, थोड़ी ऊपर होती है। अगर बच्चा इन जटिलताओं को जान जाता है तो वह एनीमेशन, वीएफएक्स, प्रेजेंटेशन में बनने वाले पाई या बार चार्ट, कार्टून, वीडियो गेम के अलावा और भी कई कामों में अच्छा हो सकता है। आप जानते है क्यों?

वो इसलिए क्योंकि ड्राइंग यानी चित्रकारी प्राचीनतम भाषा मानी जाती है और संभवतः ये बच्चे की भी पहली भाषा होती है, जब वो पेन या पेंसिल पकड़कर दीवार या जमीन पर कुछ लिखने की कोशिश करता है। फिर माता-पिता धीरे-धीरे हाथ पकड़कर उसे अंग्रेजी के अक्षर ड्रा करना सिखाते हैं जैसे ABCD।

आपने शायद गौर किया हो कि मैंने राइट के बजाय ड्रा शब्द का इस्तेमाल किया। वो इसलिए क्योंकि बात जब अक्षरों की हो और आपको पता हो कि कैसे ड्रा करते हैं तो आप अपने बच्चे को बड़े होने पर किसी भी फील्ड में सटीक तरीके से फिट कर सकते हैं। आप ताज्जुब कर रहे होंगे कैसे? यहां मेरा तर्क है।

हाल ही में मुझे इसका अहसास तब हुआ, जब नासिक में मेरी मुलाकात एक सिविल कांट्रेक्टर से हुई, जो एक बड़े मरम्मत कार्य का न सिर्फ वाजिब खर्च बता रहा था बल्कि प्लान समझाते हुए क्वालिटी को लेकर भी सजग था। पर जब मैंने कहा कि इस प्लान को कागज पर बनाकर दिखाए कि काम कैसे होगा और खत्म होने के बाद कैसा दिखेगा, तो वो ये ड्रा नहीं कर पाया।

इसके बजाय वो मुझे अपने पुराने प्रोजेक्ट्स दिखाने ले गया, जहां उसने ऐसा काम किया था। वहां से लौटने के बाद, मैंने उसे ड्रा करके दिखाया कि मैं ये जगह ऐसी चाहता हूं। यकीन मानें, अगर मैंने उसे ड्रा करके नहीं दिखाया होता तो पूरा काम मटियामेट कर देता।

बिल्कुल यही बिजली वालों के साथ होता है। वे फाइनल ब्लूप्रिंट कभी नहीं बताते कि दीवार के अंदर कहां से तार ले जा रहे हैं या कहां जंक्शन या तार के जॉइंट्स हैं। भविष्य में अगर मरम्मत की जरूरत पड़ती है, तो हमारा काम मुश्किल हो जाता है।

यही कारण है कि छठवीं क्लास से ही बच्चों को ज्योमेट्री सिखाते हैं, जो स्कूल छोड़ने तक चलती है, जहां उन्हें त्रिकोण, वर्ग, आयत, वृत्त, घन आदि सिखाए जाते हैं। जब वे इंजीनियरिंग के पहले साल में होते हैं तो इंजीनियरिंग ड्राइंग या इंजीनियरिंग ग्राफिक्स नाम का विषय होता है, जहां उन्हें वही चीज सिखाते हैं क्योंकि कागज पर किसी प्रोजेक्ट की ड्राइंग (पढ़ें राइटिंग) से पहले उसे बनाने वाले के दिमाग में उसकी छवि उभरती है।

दूसरे ऑफिस सहयोगियों या बॉस के आइडियाज़ के साथ ड्राइंग (पढ़ें राइटिंग) समय के साथ अपग्रेड होती है। ड्राइंग कुछ नहीं, बस एक काल्पनिक लाइन है, जो देखने वाले को विषयवस्तु समझा देती है। जब फोन पर छोटा-सा आइकन मिलता है तो आप भेजने वाले के चेहरे की कल्पना कर लेते हैं।

फोन की 6 इंच की स्क्रीन पर 2 एमएम के आइकन की ये ताकत है। ऐसे में आप बताएं कि कैसे ड्राइंग किसी की जिंदगी में महत्वपूर्ण नहीं है। जब लोग चित्रकारी की कला में महारत हासिल कर लेते हैं तो वे दृश्यों के जरिए बेहतर तरीके से संवाद कर पाते हैं और हम जानते ही हैं कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है।

फंडा यह है कि ड्राइंग सारी भाषाओं में कॉमन है और हर सफल व्यक्ति ने अपने करियर या बिजनेस में आगे बढ़ने के लिए इसका कम से कम कुछ हिस्सा सीखा होता है।

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