पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:एआई के दौर में बच्चों का जीवन संतुलित रखना जरूरी

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

आजकल के बच्चों में एक नई बात देखी जा रही है। या तो वो इस पार होते हैं या उस पार। या तो वो बहुत बिगड़ चुके होते हैं या बहुत ही आज्ञाकारी, सुधरे हुए होंगे। इन दिनों बच्चे इस तरह असंतुलित क्यों हो रहे हैं? क्योंकि माता-पिता का संतुलन चला गया।

असंतुलित बच्चे होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि दुनिया भर में सिर्फ भारत के बच्चों को सबसे पहले और कम उम्र में ही स्मार्टफोन थमा दिए गए हैं। यह आंकड़ा डराने वाला है। और उनके न्यूरो सर्किट पर इसका सीधा प्रभाव पढ़ रहा है।

एक और दुखदायी आंकड़ा सामने आता है कि भारत में 78% बच्चे खाना खाते हुए मोबाइल देख रहे हैं। उनका स्क्रीन टाइम कम करना और जितनी देर वो स्क्रीन पर रहें वो गुणवत्तापूर्ण और उपयोगिता से भरा हो, यह जिम्मेदारी माता-पिता की है। और यहीं संतुलन होना चाहिए।

इसलिए इस काम को समस्या न मानें, चुनौती मानें और बच्चों पर लगातार ध्यान दें। आने वाला समय एआई का होगा। एआई जब छा जाएगा तब संतुलित बच्चे खो जाएंगे। हमारे परिवार बहुत बड़ी मुसीबत में आ जाएंगे।

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